Monday 2 October 2023
October 02, 2023
ANAND PANDEY
संपत्ति अंतरण अधिनियम
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अचल या स्थावर संपत्ति उसे कहते हैं जो स्थिर हो अर्थात चलाएं मन ना हो या जो चलना जा सके या चलाई ना जा सके या हटाई न जा सके अचल संपत्ति को उसके मौलिक स्थान से हटा देने पर उसकी कीमत एवं उसके गुण में और उसकी वास्तविक स्थिति में परिवर्तन हो जाता है जिससे इसमें स्थान परिवर्तन सहन करने की क्षमता नहीं होती है संपत्ति अंतरण अधिनियम 1882 की धारा 3 में अचल संपत के विषय में जो परिभाषा दी गई है वह अपने आप में पूर्ण नहीं है यह एक नकारात्मक परिभाषा है धारा 3 के अनुसार अचल संपत्ति में खड़े लगता उगने वाली वस्तुएं तथा घास नहीं आते।
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