विधि शासन विधि शासन का अर्थ होता है की कोई भी व्यक्ति विधि से ऊपर नहीं है प्रत्येक व्यक्ति चाहे उसकी अवस्था या पद कुछ भी हो देश के सामान्य वीडियो के अधीन और साधारण न्यायालय की अधिकारिकता के भीतर है राष्ट्रपति से लेकर देश का निधन से निर्धन व्यक्ति समान विधि के अधीन है और बिना औचित्य के किसी कृति के लिए समान रूप से उत्तरदाई है इस संबंध में सरकारी अधिकारियों और साधारण नागरिकों में कोई भी विभेद नहीं किया गया है।
विधि शासन का सिद्धांत इंग्लैंड के प्रोफेसर डायसी द्वारा दिया गया डायसी के अनुसार विधि शासन के तीन सिद्धांत हैं
1. विधि की सर्वोच्चता या मनमानी शक्ति का अभाव
2. विधि के समक्ष क्षमता
3.संविधान सामान्य विधि का परिणाम है
डायसी के प्रथम दो सिद्धांत भारत में मान्य है किंतु तीसरा तत्व मान्य नहीं है क्योंकि भारत में व्यक्तियों के अधिकारों का स्रोत संविधान है।
भारत में अनुच्छेद 14 में विधि के शासन का सिद्धांत समाहित है। अनुच्छेद 14 के अनुसार भारत राज्य क्षेत्र में किसी व्यक्ति को विधि के समक्ष क्षमता से अधिक वीडियो के समान संरक्षण से राज्य द्वारा वांछित नहीं किया जाएगा अनुच्छेद 14 का प्रथम सिद्धांत डायसी के विधि शासन सिद्धांत से तथा दूसरा सिद्धांत अमेरिका के संविधान के 14वें संशोधन से लिया गया है